alok dhanwa jivan parichay PDF

alok dhanwa jivan parichay PDF|आलोक धन्वा का जीवन परिचय

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alok dhanwa ka jeevan parichay class 12 hindi-आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट मे और आज के इस पोस्ट में आलोक धन्वा का जीवन परिचय के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे

Alok dhandwa ka jeevan parichay in hindi


कवि परिचय
आलोक धन्वा जीवन परिचय-
आलोक धन्वा सातवें-आठवें दशक के बहुचर्चित कवि हैं। इनका जन्म सन 1948 में बिहार के मुंगेर जिले में हुआ था। इनकी साहित्य-सेवा के कारण इन्हें राहुल सम्मान मिला। बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् ने इन्हें साहित्य सम्मान से सम्मानित किया। इन्हें बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान व पहल सम्मान से नवाजा गया। ये पिछले दो दशकों से देश के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे हैं। इन्होंने जमशेदपुर में अध्ययन मंडलियों का संचालन किया और रंगकर्म तथा साहित्य पर कई राष्ट्रीय संस्थानों व विश्वविद्यालयों में अतिथि व्याख्याता के रूप में भागीदारी की है।

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Alok dhandwa jivan shaili

काव्यगत विशेषताएँ-
कवि की 1972, 73 में प्रकाशित कविताएँ हिंदी के अनेक गंभीर काव्य प्रेमियों को. जबानी याद रही हैं। आलोचकों का मानना है कि इनकी कविताओं के प्रभाव का अभी तक ठीक से मूल्यांकन नहीं किया गया है। इसी कारण शायद कवि ने अधिक लेखन नहीं किया। इनके काव्य में भारतीय संस्कृति का चित्रण है। ये बाल मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझते हैं। ‘पतंग’ कविता. बालसुलभ इच्छाओं व उमंगों का सुंदर चित्रण है।

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रचनाएँ-इनकी पहली कविता जनता का आदमी सन 1972 में प्रकाशित हुई। उसके बाद भागी हुई लड़कियाँ, ब्रूनो की बेटियाँ कविताओं से इन्हें प्रसिद्ध मिली।
इनकी कविताओं का एकमात्र संग्रह सन 1998 में ‘दुनिया रोज बनती है’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ। इस संग्रह में व्यक्तिगत भावनाओं के साथ सामाजिक
भावनाएँ भी मिलती हैं, यथा जहाँ नदियाँ समुद्र से मिलती हैं वहाँ मेरा क्या हैं मैं नहीं जानता लेकिन एक दिन जाना हैं उधर ।

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भाषा-शैली-

कवि ने शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग किया है। ये बिंबों का सुंदर प्रयोग करते हैं। इनकी भाषा सहज व सरल है। इन्होंने अलंकारों का सुंदर व कुशलता से प्रयोग किया है।

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