10th hindi varshik pariksha paper solution cg board 2022,कक्षा-10वी हिन्दी वार्षिक परीक्षा पेपर|छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा 2022, CG Board Class 10th Model Paper Solution, CGBSE 10th Hindi Important Questions
छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षा कक्षा-10वी हिन्दी वार्षिक परीक्षा पेपर- हैलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट में और आज के इस नयी पोस्ट में हम वार्षिक परीक्षा 2022 की तैयारी और आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से कक्षा-12वीं हिन्दी वार्षिक परीक्षा पेपर 2022 की तैयारी भी कर सकते हैं आपको हमारी वेबसाइट के माध्यम से सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न और इनके उत्तर प्रदान किए जाएंगे
वार्षिक परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा??
सभी छात्रों के मन में यह सवाल है कि बोर्ड परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा जैसे कि आप सभी को पता होगा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हाल ही में एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि कक्षा 9 वीं से लेकर 12 वीं तक की सभी कक्षों की वार्षिक परीक्षा प्रारम्भ होंगी अब हम बात करे कि बोर्ड परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा तो आप सभी कक्षाओं के सिलेबस को आसानी से हमारी वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं
बोर्ड परीक्षा 2022 का पैटर्न कैसा रहेगा??
बोर्ड परीक्षा मे पैटर्न प्रश्न क्रमांक 1 से 5 तक 32 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे।
सही विकल्प 06 अंक,
रिक्त स्थान 07 अंक,
सही जोड़ी 06 अंक,
एक वाक्य में उत्तर 07 अंक,
सत्य असत्य 06 अंक,
छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 10वीं विषय हिंदी 2022
प्रश्न-1 (खण्ड-अ) सही विकल्प चुनकर लिखिए:
(1) ‘मोती’ शब्द है :
(अ) तत्सम
(ब) तद्भव
(स) देशज
(द) विदेशी
(ii) ढूँठ का पेड़ प्रतीक है :
(अ) जड़ता का
(ब) निर्जीवता का
(स) दृढ़ता का
(द) स्थिरता का
(iii) ‘घीसा’ की झोपड़ी किस नदी के किनारे थी ?
(अ) गंगा
(ब) यमुना
(स) गोदावरी
(द) नर्मदा
(iv) मीराबाई की कविता में प्रयुक्त भाषा है :
(अ) खड़ी बोली
(ब) अवधी
(स) ब्रज और मेवाड़ी
(द) मागधी
(v) ‘ तुरतुरिया’ किस जिले में स्थित है
(अ) रायपुर
(ब) बलौदा बाजार
(स) महासमुंद
(द) जांजगीर-चांपा
प्रश्न 1 (खण्ड-ब) उचित सम्बन्ध जोड़िए:
(i) माटीवाली – विद्यासागर नौटियाल
(ii) जीवन का झरना – आरसी प्रसाद सिंह
(iii) ये जिनगी फेर चमक जाय – भगवती लाल सेन
(iv) अपनी-अपनी बीमारी – हरिशंकर परसाई
(v) अमर शहीद वीरनारायण सिंह – डॉ. सुनीत मिश्र
प्रश्न-1 (खण्ड-स) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
(i) अमरेश्वर के कंठ से ही नर्मदा निकली है।
(ii) ‘जनतंत्र का जन्म’ नामक कविता में देवता मजदूरों को माना गया है।
(iii) ‘माटीवाली’ कहानी में की उपजी पीड़ा व प्रताड़ना को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
(iv) लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी कवि भगवती लाल सेन का जन्म नामक देमार गाँव में हुआ था ।
(v) ‘तट-तीर’ में अनुप्रास अलंकार है।
प्रश्न 2 मानसरोवर के कमल को स्वर्णिम कमल कहने का क्या आशय है ।
उत्तर- मानसरोवर के कमल को स्वर्णिम कमल इसलिए कहा गया है क्योंकि सूर्योदय के समय आकाश की लालिमा और सूर्य की सुनहरी किरणें कमल के फूलों पर पड़ती है, जिसके कारण कमल का पुष्प सुनहरी आभा से युक्त दिखाई देता है।
प्रश्न 3 जब जनता की भौंहें क्रोध से तन जाती हैं, तो क्या-क्या होता है ?
उत्तर – जब जनता की भौंहें क्रोध में तनती है, तो परिवर्तन की आँधी चलने लगती है। धरती हिल जाती है और तूफान उठने लगती है।
प्रश्न- 4 भक्तिन कौन थी ? लिखिए।
उत्तर – भक्तिन महादेवी जी की सेविका थी। वह महादेवी जी के सामानों की रक्षा, रख-रखाव ऐसे करती मानों वही उनकी अभिभाविका हो।
प्रश्न-5 वीरनारायण सिंह में कौन-से मानवीय मूल्य दिखते हैं, जो उन्हें अद्वितीय सिद्ध करते हैं ?
उत्तर- वीर नारायण सिंह के मानवीय मूल्य (1) धर्म परायणता, (2) मृदुभाषी एवं मिलनसार, (3) परोप कारी, (4) जन-समस्याओं का समाधान करना, (5) परम्पराओं के पालक।
प्रश्न-6 आदिकाल के किन्हीं दो कवियों एवं उनकी एक-एक रचना के नाम लिखिए।
उत्तर – कवि का नाम रचनाएँ
- चन्दवर दायी पृथ्वीराज रासो
- नरपति नाल्ह बीसलदेव रासो
प्रश्न 7 माटीवाली के बिना टिहरी शहर के कई घरों में चूल्हों तक का जलना क्यों मुश्किल हो जाता था ?
उत्तर- माटीवाली, माटाखान से मिट्टी लाकर प्रत्येक घर में चूल्हों को लिपने का काम करती थी। उसके अतिरिक्त दूसरा कोई इस काम को करने वाला नहीं था इसलिये माटीवाली के बिना टिहरी के कई घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो जाता था।
प्रश्न 8 वीरनारायण सिंह की विद्रोह की रणनीति क्यों असफल हुई ?
उत्तर- वीर नारायण सिंह की विद्रोह की रणनीति को असफल बनाने में देवरी के जमींदार नारायण सिंह के काका जी का बहुत बड़ा योगदान था। उन्होंने अंग्रेज अधिकारी स्मिथ को सहायता पहुँचाकर सोनाखान को नष्ट करवाया। देवरी के स्थानीय लोगों ने वीर नारायण सिंह की नीति को असफल किया।
प्रश्न- 9 लेखक बनने के शरद बाबू के क्या-क्या सुझाव थे ?
उत्तर-शरत बाबू ने सुझाव दिये कि जो लिखोगे अपने अनुभव से लिखना। किसी को दिखाने या सुनाने की आवश्यकता नहीं। लिखित साहित्य को अपने पास रखना। उसे बार-बार पढ़कर संतुष्ट हो जाओ तो दूसरों को दिखाना अपनी कलम से या अपने लेख के माध्यम से कभी किसी की बुराई मत करना। कभी किसी से उधार मत लेना।
प्रश्न- 10 प्रगतिवाद को कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर प्रगतिवाद की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(i) सामाजिक यर्थाथ का चित्रण जैसे, भूखमरी, गरीबी, बेरोजगारी, अकाल ।
(ii) ईश्वर के प्रति अनास्था थी मानवीय संघर्ष को महत्व ।
(iii) नारी का सम्मान, नारी को शोषण मुक्त कराने का प्रयास।
प्रश्न – 11 ‘बादल को घिरते देखा है’ कविता के प्रकृति-चित्रण को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – निर्मल पर्वत शिखर पर बादल घिरते हैं। बादल में स्थित वाष्प कण मोती जैसे ओस के समान कमल के फूलों पर गिरते हैं। वर्षा की उमस से प्रभावित पक्षी सरोवर के जल में कीड़े-मकोड़े खोजते हैं। इसी सरोवर में हंस भी तैरते हैं। हवा मंद गति से बहती है। उगते सूर्य की किरणों से तालाब का कमल स्वर्णिम दिखाई देता है। रातभर अलग रहने वाले चकवा-चकवी का सुबह क्रंदन बन्द हो जाता है। वे शैवाल पर प्रणय क्रीड़ा करते हैं। दुर्गम घाटी में कस्तूरी मृग अपनी ही कस्तूरी की सुगंध से उन्मादित होकर दौड़ते हैं कस्तूरी न दिखने पर चिढ़ जाते हैं। यहाँ प्रकृति भी बादलों के घिरने पर उन्मादित हो जाती है।
अथवा
“अमरकंटक ने अपनी आत्मा से नर्मदा को जन्म दिया है।” पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- अमरकण्टक से निकली नर्मदा नदी मध्य भारत की सबसे बड़ी नदी है। इसके किनारे असंख्य आम, जामुन और सरई के पेड़ हैं। ऋषि-मुनियों की यह तपोभूमि है। नर्मदा के उद्गम से मुहाने तक परिक्रमा की जा सकती है। मध्य भारत से गुजरात तक कृषि और उद्योगों का यह आधार है। इसके किनारे बॉक्साइट के भण्डार हैं। नर्मदा ने जबलपुर में संगमरमर का विश्व प्रसिद्ध केनियान बनाया है। इसने अनेक जीवों को जल आपूर्ति देकर बचाया है। इसलिये नर्मदा भारत के लिए वरदान है।
प्रश्न- 12 कवि ने जनता की सहनशीलता के क्या-क्या उदाहरण दिए हैं? लिखिए।
उत्तर – जनता की सहनशीलता के उदाहरण देते हुए कवि कहते हैं कि वह मिट्टी की तरह अबोध है चाहे जितनी भी पीड़ा सहनी पड़े हुए नहीं खोलेगी सब कुछ चुपचाप सहन कर लेगी।
अथवा
‘अपनी-अपनी बीमारी पाठ में दिया गया शोक समाचार – बड़ी प्रसन्नता की बात है…से क्यों शुरू हुआ है ? अपना तर्क लिखिए।
उत्तर- लेखक ने टैक्स चोरी करने वालों पर व्यंग्य कसा है कि वे समर्थ होते हुए भी कर चोरी करते हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक तरीके से ही यह कहा है कि सामान्य व्यक्ति पर यदि टैक्स लगे, तो प्रसन्नता की बात होगी।
प्रश्न 13 निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए:
कोठी म धान छलक जाए, ये जिनगी फेर चमक जाए।
झन बैर भाव खेती म कर, मन के भुसभुस निकार फेंकौ ।। हाँसौ-गोठियावौ जुरमिल के, सुन्ता के रद्दा झन छेकौ । गोठियइया घलो ललक जाये, सुनवइया सबो गदक जाए ।
उत्तर –
संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के पाठ 6 “ये जिनगी फेर चमक जाए ” से अवतरित है इसके रचयिता श्री भगवती लाल सेन जी हैं ।
प्रसंग – कवि कहते हैं मन की भूमि में सकारात्मक बीजों का रोपण करना होगा।
व्याख्या— जीवन में खुशियों का प्रकाश आलोकित – करने के लिए आवश्यक है कि हम मन रूपी भूमि में सकारात्मक बीजों का रोपण करें जिससे नवीन ऊर्जा युक्त जिन विचारों की फसल लहलहायें उससे हमारा जीवन आलोकित हो उठे । बैर भाव, राग द्वेष और एक-दूसरे के लिए मन में जो संशय है उसे निकाल फेंके। सुमति का रास्ता ना रोके और मिल-जुलकर हँसते हुए, बातें करते हुए जीवन व्यतीत करें।
ऐसे भावयुक्त विचार हो हमारे, कि बातें करने वाला और सुनने वाला दोनों आनंदित हो जाए।
अथवा
मुँह घुघवा असन फुलोवौ झन,
कोइली अस कुहकौ बगिया म
चंदा अस मन सुरुज कस तन,
जिनगी महके फुल बगिया म ।
भेंटौ तो हाथ लपक जाए,
सुँगुवावत मया भभक जाए ।
संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के पाठ 6 “ये जिनगी फेर चमक जाए” से अवतरित है इसके रचयिता श्री भगवती लाल सेन जी हैं।
प्रसंग- अपने भीतर के प्रेम की आग को सुलगने दो यही संदेश कवि इन पंक्तियों में दे रहे हैं ।
व्याख्या – इस जीवन रूपी बगिया में कोयल के – समान चहको छोटी-छोटी बातों पर उलूक (उल्लू) पक्षी के समान अपना मुँह मत फुलाओ अर्थात् छोटी -छोटी बातों में व्यर्थ मत उलझो या रूठो । चंद्रमा की भाँति तुम्हारा मन शीतल हो और सूर्य के समान तुम्हारे ! शरीर का तेज हो, इस जीवन रूपी उपवन में तुम हमेशा महकते व खिलखिलाते रहो, एक-दूसरे से मिलने के लिए मन के अंदर जो प्रेम सुलग रहा है उस आग को भभकने दो ताकि समाज में, हम सबके जीवन में खुशियों का वातावरण रहे।
प्रश्न 14 ‘बाधा के रोड़ों से लड़ता’ पंक्ति का आशय जीवन को कैसे और कब प्रभावित तथा प्रेरित करता है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- जिस प्रकार झरना अपने रास्ते में आने वाली हर मुश्किलों का सामना करता आगे बढ़ता है वैसे ही मनुष्य भी अपने जीवन के संघर्षों से जूझते हुए आगे बढ़ता है। झरना मनुष्य को जीवन में हार न मानने, पीछे मुड़कर न देखने और सदैव गतिशील बने रहने की प्रेरणा प्रदान करता है।
अथवा
‘एक था पेड़ और एक था ठूंठ’ पाठ के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर— ‘एक था पेड़ और एक था ढूँठ’ शीर्षक अपनी सार्थकता स्पष्ट करता है क्योंकि उन्होंने मनुष्य के स्वभाव की तुलना बाँस के हरे-भरे पेड़ और ठूंठ से की है। ठूंठ निर्जीव जड़ता और विनाश का प्रतीक है, जीवन में जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे परंपरागत आदर्शों और सिद्धांतों पर अड़े रहते हैं उनका जीवन निरर्थक होता है।
मनुष्य के विचार बाँस के पेड़ के समान होने चाहिए। उनमें लचीलापन और परिस्थितियों के साथ समन्वय करने की क्षमता होनी चाहिए। हमारे निर्णयों में जीवतंता, दृढ़ता, विषम परिस्थितियों में भी जड़ों के समान डटे रहने की शक्ति होनी चाहिए तभी जीवन पूर्णता को प्राप्त होगा।
प्रश्न- 15. अंग्रेजों के दावत पर आने के पहले बाबा ने कौन-सी तसवीर हटवा दी ? उन्होंने उस तसवीर को क्यों हटवाया होगा? अपने विचार लिखिए।
उत्तर – अंग्रेजों के दावत पर आने के पहले बाबा ने जलियाँवाला बाग काण्ड की एक तिरंगी तस्वीर को हटवा दिया था क्योंकि वह अंग्रेजों को रुचिकर प्रतीत नहीं होता और जलियाँवाला बाग में जो हत्या काण्ड हुआ, उसका प्रमुख दोषी जनरल डायर था । यदि अंग्रेज वह तस्वीर देख लेते, तो उसका प्रभाव ठीक नहीं होता।
अथवा
‘जेबकतरा’ कहानी पढ़ने के बाद आपके मन में कौन-से भाव जागृत होते हैं? लिखिए।
उत्तर- जेबकतरा कहानी मानवीय संवेदनाओं से युक्त है। वर्तमान समय में शिक्षित समाज में बढ़ती बेरोजगारी ने जिस अवसाद को जन्म दिया है, वह हमारे मन को कहीं न कहीं गहरे तक छू लेती है। कहानी के माध्यम से लेखक ने समाज की इस समस्या की ओर ध्यानाकर्षित किया है।
प्रश्न 16 अपने बड़े भाई के विवाह की तैयारी सम्बन्धी जानकारी देते हुए अपने मित्र / अपनी सहेली को पत्र लिखिए।
अथवा
नगर के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर सफाई व्यवस्था ठीक न होने की शिकायत कीजिए।
प्रश्न 17 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मनुष्य में जन्म से ही अच्छे और बुरे के बीच का फर्क समझने का सामान्य विवेक मौजूद होता है। अपने बुरे और अच्छे कार्यों को भली-भाँति जानता है। व्यक्ति के मन में जैसे हो कोई बुरा या अच्छा विचार आता है उसका विवेक उसे तुरंत बता देता है कि उसके लिए क्या ठीक है? जो लोग लालच में पड़कर अपने विवेक को नहीं सुनते और तर्क-वितर्क में पड़कर कोई अनुचित कार्य कर बैठते हैं उनके लिए सही-गलत का फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है। जो लोग सही-गलत के बीच में फर्क समझना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले कोई भी कार्य करने से पूर्व दूसरों से पूछने की जगह सबसे पहले अपनी अंतरात्मा से सवाल करने चाहिए। जो लोग अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर कोई फैसला लेते हैं उन्हें भविष्य में कभी अपने फैसले पर पछताना नहीं होता है। लालच के वशीभूत होकर मनुष्य अपना विवेक खो देता है।
(i) हमें जन्मजात क्या मिला हुआ है?
उत्तर – हमें जन्म से ही अच्छे और बुरे के बीच का फर्क समझने का सामान्य विवेक मिला हुआ है ।
(ii) लालच क्या है ?
(iii) मनुष्य अनुचित कार्य कब करता है ?
(iv) मनुष्य को क्या नहीं करना चाहिए?
(v) हमें अपना कार्य कैसे करना चाहिए ?
(vi) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
प्रश्न- 18 निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 250-300 शब्दों में निबंध लिखिए
(i) वैश्विक महामारी कोविड- 19(ii) छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी
(iii) स्वच्छ भारत – स्वस्थ भारत
(iv) जीवन में खेलों का महत्व
(v) मोबाइल एवं संचार क्रांति
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